जानिए जमीन रजिस्ट्री के नए नियम! अब बिना इन 5 डॉक्यूमेंट्स के नहीं होगा काम Land Registry Documents

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Land Registry Documents : अगर आप जमीन खरीदने-बेचने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारत सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसका मकसद है जमीन की खरीद-बिक्री में होने वाले फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी पर पूरी तरह रोक लगाना।

अब जमीन की रजिस्ट्री पहले से कहीं ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित होगी। पिछले कुछ सालों में एक ही जमीन को कई लोगों को बेचने जैसे मामले सामने आते रहे हैं। इन्हीं घटनाओं को देखते हुए सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है। तो आइए, आपको बारी-बारी से बताते हैं कि नए नियमों के तहत अब आपको किन-किन चीजों का ख्याल रखना होगा।

Land Registry Documents पैन कार्ड और फोटो है अब must-have!

नए नियमों के मुताबिक, अब जमीन की रजिस्ट्री कराते वक्त खरीदार और विक्रेता, दोनों को अपना-अपना पैन कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा। साथ ही, दोनों की पासपोर्ट साइज की फोटो भी लगाना जरूरी होगा। इस सरल सी दिखने वाली प्रक्रिया का बहुत बड़ा फायदा यह होगा कि हर व्यक्ति की पहचान सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज रहेगी। इससे भविष्य में किसी भी तरह के विवाद की गुंजाइश काफी हद तक खत्म हो जाएगी। अब कोई भी व्यक्ति फर्जी नाम या पहचान बनाकर जमीन का सौदा नहीं कर पाएगा।

आधार कार्ड और जमीन के दस्तावेज नहीं होंगे नजरअंदाज

अब जमीन रजिस्ट्री के दौरान आधार कार्ड को अनिवार्य बना दिया गया है। यह आपकी पहचान और पते दोनों का प्रमाण होगा। इसके अलावा, जमीन से जुड़े सभी जरूरी कागजात, जैसे खसरा नंबर, खतौनी, भू-नक्शा और खरीदार-विक्रेता के बीच हुआ सेल एग्रीमेंट भी रजिस्ट्री के वक्त जमा करना जरूरी होगा। सरकार का यह कदम इस बात की गारंटी देगा कि जो जमीन बिक रही है, वह पूरी तरह से असली है और उस पर बेचने वाले का ही पूरा हक है। इससे स्वामित्व को लेकर किसी तरह का झगड़ा नहीं होगा।

बकाया टैक्स की रसीदें दिखाना है जरूरी

कई बार ऐसा होता है कि जमीन तो खरीद ली जाती है, लेकिन बाद में पता चलता है कि उस पर पुराना टैक्स या कोई सरकारी बिल बकाया है। नए नियम इस समस्या का भी हल लेकर आए हैं। अब अगर खरीदारी वाली जमीन पर कोई बकाया टैक्स या देनदारी है, तो उसकी पूरी रसीदें रजिस्ट्री के साथ पेश करनी होंगी। इस सिस्टम से यह फायदा होगा कि खरीदार को बाद में किसी कानूनी उलझन या बकाया भुगतान का सामना नहीं करना पड़ेगा। जब तक सभी वित्तीय दायित्वों का सबूत नहीं मिल जाता, रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।

डिजिटल सिस्टम से होगी रजिस्ट्री, खत्म होंगे ऑफिस के चक्कर

सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने का फैसला किया है। इसका मतलब यह है कि अब आपको तहसील और रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर लगा-लगाकर अपनी ताकत जाया नहीं करनी पड़ेगी। चालान बनाने से लेकर दस्तावेज अपलोड करने और रजिस्ट्री की पुष्टि तक का सारा काम ऑनलाइन होगा। इस डिजिटल सिस्टम से न सिर्फ आपका कीमती समय और पैसा बचेगा, बल्कि दलालों और भ्रष्टाचार पर भी प्रभावी रोक लगेगी। अब सब कुछ ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से होगा।

फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक, बढ़ेगा भरोसा

इन नए नियमों का सबसे बड़ा मकसद जमीन के सौदों में पारदर्शिता लाना और फर्जीवाड़े की जड़ें काटना है। अब एक ही जमीन को दो या दो से ज्यादा लोगों को बेचने जैसी घटनाएं लगभग नामुमकिन हो जाएंगी। डिजिटल दस्तावेज सत्यापन से न सिर्फ खरीद-बिक्री की प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि खरीदारों का जमीन और व्यवस्था पर विश्वास भी बढ़ेगा। लोग बिना किसी डर के अपनी मेहनत की कमाई जमीन में लगा सकेंगे।

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खरीदार और विक्रेता, दोनों के हितों की सुरक्षा

इन बदलावों से जमीन रजिस्ट्री से जुड़ी पूरी व्यवस्था ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनेगी। खरीदारों को यह आश्वासन रहेगा कि जिस जमीन को वे खरीद रहे हैं, उसके सारे कानूनी दस्तावेज वैध और सही हैं। वहीं, विक्रेता के लिए भी यह प्रक्रिया आसान और स्पष्ट होगी। कुल मिलाकर, यह व्यवस्था दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

राज्यों में हो सकते हैं कुछ बदलाव

हालांकि, जमीन रजिस्ट्री के ये नियम केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक बनाए गए हैं, लेकिन हर राज्य की अपनी कुछ खास जरूरतें होती हैं। इस वजह से अलग-अलग राज्यों में इस प्रक्रिया में कुछ छोटे-मोटे बदलाव हो सकते हैं। इसलिए आपसे अनुरोध है कि रजिस्ट्री से पहले अपने स्थानीय तहसील कार्यालय या राजस्व विभाग से सही और अपडेट जानकारी जरूर ले लें। इस छोटी सी सावधानी से आप किसी भी तरह की परेशानी से बच सकते हैं।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा लागू किए गए ये नए नियम जमीन रजिस्ट्री प्रणाली को आधुनिक और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम हैं। डिजिटल प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेजों की सख्त जांच से जमीन की खरीद-बिक्री अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी हो जाएगी। आने वाले समय में यह नई व्यवस्था पूरे देश में संपत्ति के लेन-देन को एक नई विश्वसनीयता देगी और आम लोगों का भरोसा बढ़ाएगी।

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